कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें غزل: بلکتے بچوں کو جا کے دیکھوں بِلکتے بچوں کو جا کے دیکھوں، بے گور لاشے اُٹھا کے دیکھوں राहत इंदौरी की शायरी पढ़कर https://youtu.be/Lug0ffByUck