कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, https://lanemijdu.wikienlightenment.com/7177578/5_essential_elements_for_shiv_chalisa_lyrics_in_gujarati_pdf